द गर्ल इन रूम 105–८
लेकिन तुम इसको फॉलो ही नहीं करते। जबकि हमारा ब्रेकअप हुए कई साल हो चुके हैं।" 'ओके, तो एक काम करो, मुझे मार डालो, क्योंकि मैंने तुम्हें विश करने के लिए फोन लगाया। मुझे मार
डालो, क्योंकि न्यू ईयर ईव मुझे तुम्हारी याद दिलाती है या मुझे मार डालो, क्योंकि आज उस दिन की पहली सालगिरह है, जब हम पहली बार एक-दूसरे के साथ सोए थे।'
'केशव स्टॉप इट' "स्टॉप क्या? तुम्हारे बारे में सोचना? काश कि ऐसा कर पाता, मैंने चीखते हुए कहा। काश कि मैं तुम्हें भुला पाता।'
सौरभ दौड़कर आया और इशारों में पूछने लगा कि क्या माजरा है। मैंने सिर हिलाकर मना कर दिया।
उसने इशारे में मुझसे फ़ोन को स्पीकर मोड पर रखने को कहा। मैंने ऐसा ही किया।
'आर यू ड्रेक?" जारा ने कोमल स्वर में कहा।
'इससे क्या फर्क पड़ता है? कहूँ या नहीं, लेकिन मैं तुम्हें मिस करता हूँ, जारा। तुम उस लूजर रघु के साथ क्या कर रही हो?"
'उसे ऐसे नामों से बुलाना बंद करो, केशवा अच्छा मैं चलती हूँ।" सौरभ ने इशारे से कहा कि अब मुझे फोन रख देना चाहिए। जाहिर है, मैंने उसकी यह नेक सलाह नहीं
मानी।
'ओहो, अपने रघु को लेकर इतनी प्रोटेक्टिवट मम्मू-धू उसे हॉस्टल में इसी नाम से बुलाया जाता था। मालूम है तुमको मग- रग-पू।'
'में फोन रख रही हूं. केशव। और अब मुझे कॉल मत करना।"
"उस फ्रीकिंग नई को लेकर इतनी टी? वो नई, जो अपनी कमबख्त डॉट कॉम कंपनी को दुनिया में सबसे
ज्यादा चाहता है। वो तुम्हें कभी उस तरह प्यार नहीं कर सकता, जिस तरह मैं करता हूं।' 'वो कमबख्त डॉट कॉम कंपनी इंडिया के हॉटेस्ट स्टार्टअप्स में से है और उसको रघु ने क्रिएट किया है। तुमको उसका वैल्यूएशन पता है? लेकिन मैं तुमको यह सब भी क्यों बता रही हूँ?" जारा ने झुंझलाते हुए कहा।
'तो इसीलिए तुम उसके साथ हो, उसके पैसों के लिए? मैंने कहा।
"मैं उसके साथ इसलिए हूँ, क्योंकि मुझे एक साथी चाहिए था. एक परिवार चाहिए था, जबकि तुम तो हरे- हरे फिर रहे थे। हिम्मत जुटाने की बजाय तुम उल्टे मेरे परिवार वालों को गालियां चल रहे थे।!।
"और तुम्हारे इन परिवार वालों ने क्या किया?'
'तुम यह सब पहले भी कह चुके हो, लेकिन इसका अब कोई फायदा नहीं। मुझे प्रोवोक करने की कोशिश
मत करो। नाऊ, बाय। मुझे फिर कॉल मत करना नहीं तो मुझे तुम्हें ब्लॉक करना पड़ेगा।' 'मुझे ब्लॉक करना पड़ेगा? क्या तुम मुझे ब्लॉक करने की धमकी दे रही हो
मुझे बीच में ही रुक जाना पड़ा, क्योंकि फोन कट गया था।
एनी वे मुझको भी जाना है,' मैने फोन पर कहा, जिसे सुनने वाला कोई नहीं था।
"भाई, उसने फ़ोन काट दिया है.' सौरभ ने कहा ठीक है, उसने मेरा फोन काट दिया। ऐसा प्रिंटेड करने से
क्या फायदा कि उसने ऐसा नहीं किया। मैंने सौरभ की ओर देखा। मुझे उम्मीद थी कि एक तमाचा पड़ेगा। लेकिन वो आगे बड़ा और मुझे गले लगा
लिया। मैं जोर से रोने लगा।
लडी बिच वो मुझे ब्लॉक करेगी? मैं उसको हर मिनट याद करता हूँ और वो मुझसे ऐसे बात करती है."
मैंने सुबकते हुए कहा। "भाई, आपको इस लड़की को भूलना होगा। अब यह बहुत लंबा खिंच गया है, ' सौरभ ने कहा
'मैं पहले ही उसे भुला चुका हूँ।' मैंने सदी का सबसे बड़ा झूठ बोला।
'गुड तो अब हम अंदर चले पेट मुझे उसको एक बार फिर कॉल करके बोलना है कि मैंने उसको भुला दिया है।"
'नहीं, भाई, नही...'
लेकिन इससे पहले कि सौरभ कुछ रिएक्ट कर पाता, मैंने उसका नंबर एक बार फिर डायल कर दिया। घंटी
बजी। मुझे उम्मीद थी कि फोन काट दिया जाएगा, लेकिन फ़ोन अटैंड कर लिया गया।
'वेग' दूसरी तरफ पर एक पुरुष की आवाज भी डैम, यह तो लवर ऑफ द सेंचुरी की आवाज है। रघु